मुनोचवा के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लोगों ने 2002 तक इस मुनोचवा को देखा लेकिन उसके बाद दोबारा किसी ने नहीं देखा।
यह मुँहनोचवा काफी खतरनाक था। उस समय जब लोग गर्मी के मौसम में अपनी छत पर सोते थे, उन्होंने पहली बार मुनोचवा को देखा, क्या मैं मुनोचवा को प्राणी या मशीन बुलाता हूं, हमने इसे रात में अपनी आंखों से देखा है। जब हम छत पर सोते थे तो आसमान से बड़े पक्षी की तरह दिखते थे और उसके शरीर से एक रोशनी निकल रही थी।
उस समय बिजली की सुविधा इतनी अच्छी नहीं थी, इसलिए ज्यादातर लोग अपने घर की छत पर ही सोते थे।
उस समय मुनोचवा का कहर इसी तरह फैल गया, उसकी दहशत चारों ओर फैल गई,,,,,,,
लोगों ने डर के मारे अपनी छत पर सोना छोड़ दिया था क्योंकि मुनोचवा अचानक हमला कर देगा और कभी किसी की आंखों में आंसू बहा देगा और कभी किसी के चेहरे पर खरोंच आ जाता था ।
दिन-ब-दिन यह डर ज्यादा से ज्यादा बढ़ता गया, किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें।
मुनोचवा सिर्फ रात के अंधेरे में ही हमला करते थे। वे लोग जो रात में छत पर सो रहे थे या वे बूढ़े थे या बच्चे उन सभी को नष्ट कर दिया था ।
तब लोगों को एक आइडिया आया, हमने ऐसा नहीं किया, लेकिन बहुत से जगहों से यह बात सामने आ रही थी कि लोग अपनी छत पर सोने के दौरान एक बाल्टी पानी से सोते थे कि अगर वे मुंह पर हमला करते हैं तो उस पर पानी डाल देंगे, ,,,
यह भी सुनने को मिला कि मुनोचवा पर पानी डालने के बाद उसकी रोशनी चली जाएगी और वह भाग गया।
हम भी छत पर पानी के साथ सोए थे, लेकिन हमने कभी उस पर पानी नहीं डाला
,,,,, ऐसी बातें फैलती रहीं और धीरे-धीरे मुनोचवा का कहर खत्म हो गया, ,,,,
लेकिन आज तक किसी को उसके बारे में कुछ पता नहीं था, चाहे वह पड़ोसी देश का ड्रोन हो या विदेशी ,,,,,
यहां तक कि इस दिन के लिए विज्ञान को हल करने में सक्षम नहीं किया गया है कि मुंह में पानी की बात क्या थी और यह कहां से आया और यह कहां गायब हो गया ।
मुनोचवा का बंबट बहुत अजीब था और यह एक बड़े पक्षी की तरह खतरनाक लग रहा था।
कुछ लोग अब भी उसे एलियन मानते हैं, लेकिन इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं है।
सबसे बड़ी बात यह थी कि लोग रात के अंधेरे में उसके बनबट को अच्छी तरह से नहीं देख पाए।
और यही कारण था कि आज तक कोई भी उसे पूरी तरह से नहीं देख सकता था और सिर्फ एक पक्षी की तरह दिखता था ।
कुछ लोगों का तो यहां तक मानना है कि वह फिर से इस दुनिया में आ सकता है, क्योंकि वह मरा नहीं था।
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