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यह कई साल पहले की बात है । मैं जोधपुर के एक छोटे से गांव के एक प्राइमरी स्कूल में टीचर था। मेरे साथ एक ही स्कूल में 5 टीचर थे। वे शादीशुदा थे। और उनका अपना परिवार था । और मैं एक अकेले था । मेरी शादी नहीं हुई थी।

सभी लोग घर के किराए से गांव में ही रहते थे। और मैं स्कूल के पास एक अलग सा कमरा था । जिसमें मैं अकेली रहती थी। स्कूल के आसपास खेत और झाड़ियां थीं। स्कूल गांव से थोड़ी दूरी पर था। स्कूल में बिजली नहीं थी।

और मैं अकेले अपने कमरे में लालटेन प्रकाश द्वारा खाना पकाना होगा । और खाने के बाद सो जाते थे। तब मेरे एक दोस्त ने कहा कि आप अपना समय कैसे बिताते हैं। कल से हम रात को डिनर करने के बाद आपके पास आएंगे। आपकी हंसी में भी समय थोड़ा सा बीत जाएगा। अगले दिन स्कूल से छुट्टी होने के बाद घर जाने और खाना खाने के बाद मेरे सभी दोस्त 10:00 बजे मेरे घर आए। और हम बात करने लगे ।

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थोड़ी रात बीत गई। तब हमारे एक दोस्त ने कहा कि यहां बिजली नहीं है। न तो टेलीविजन है । हम यहां बैठे क्या करेंगे? आज हम कुछ मजा है। एक अन्य दोस्त ने कहा कि हम अपने साथ कार्ड लेकर आए हैं। चलो खेलते हैं और हम धीमी लालटेन प्रकाश।

उसके सामने बैठकर वह ताश खेलने लगा। कुछ देर बाद गर्मी आने लगी। इसलिए जब हमने सारी खिड़कियां खोलीं तो एक अच्छी हवा आने लगी। और हम ताश खेलने में व्यस्त हो गए । तब हमारे तीसरे दोस्त ने कहा था कि हमारे पास भी बीडिस और मैच हैं।

अगर बोले तो बीड़ी हलके चलो, हमने ऐसा क्यों नहीं कहा। इसलिए हमारे दोस्त ने चार बीडिस जलाई। सभी ने हाथों में बीड़ी लिए। तभी एक दोस्त ने कहा कि अरे मुझे भी ड्रिंक दे दो। हम हंसे ।

तुम क्यों मजाक कर रहे हो तुम सिर्फ बीड़ी अपने हाथ में ले लिया। तो उन्होंने कहा कि वह हमें बिल्कुल नहीं देते। कि यह मजाक कर रहा है । और हमने इसे हंसी में स्थगित कर दिया । दूसरे दिन मेरे दोस्त फिर से मेरे घर लौट आए। और बीड़ी ताश खेलने का यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा।

तब मुझे लगा कि खिड़की से लंबा हाथ आया और मेरी बीड़ी लेकर चली गई। तब इंसानों ने मेरे होश उड़ गए। लेकिन हमने उसका चेहरा नहीं देखा। क्योंकि बाहर अंधेरा था और अंदर लालटेन धीमी गति से जल रहा था ।

यह घटना मेरे साथ चार-पांच दिन तक चलती रही। इसलिए छठे दिन सुबह मेरे दोस्त स्कूल में पढ़ाने आए। तब मैंने यह बात सभी को बताई। सभी ने कहा हां मैंने भी सुना है।

कि स्कूल के अंदर एक शिक्षक ने किसी कारणवश जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। और उसकी आत्मा आज भी स्कूल के आसपास भटकती रहती है। तो एक दिन एक दोस्त ने कहा, आज हम उससे पूछेंगे कि तुम कौन हो। क्या आप जानते हैं कि यदि कोई आदमी है और हमारी तरह, वह भी रात में समय गुजारने के लिए आता है ।

हमने कहा कि यह ठीक है । मेरे सभी दोस्त रात में मेरे घर आए थे, आज भी एक पांचवां आदमी खिड़की के अंदर आकर बैठ गया। साथ में ताश खेला और खेल खत्म होने पर बीड़ी भी पिया। इसलिए वह खिड़की से बाहर जाने लगे, फिर मैंने काका को आवाज दी कल फिर आ जाएगी। उन्होंने कुछ नहीं कहा। आखिर उसने हमें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। हमारे एक दोस्त ने उसके मुंह पर टॉर्च जलाई।

इसके बाद मैंने उसका हाथ थामे रखा । लेकिन टॉर्च के सामने हमने उसका चेहरा थोड़ा देखा । डार्क ब्लैक मैन बेज सफेद धोती थी और उसके मुंह पर चेचक के ढेर सारे निशान थे। हर कोई बहुत डर गया था।

सभी ने कहा कि ग्रामीणों को बता दो। हमने बच्चों के भविष्य का सवाल नहीं कहा है । कोई भी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेगा, जब एक दोस्त ने कहा कि कल से चलो जहां जल गया था। वहां बीडिस प्लेस मैच कार्ड।

कौन जानता है कि अगर वह भी इन चीजों में दिलचस्पी रखता है, दूसरे दिन हमने भी ऐसा ही किया, फिर वह रात में अंदर खेलने नहीं आया। हम हर चार या पांच दिन में एक बार इस तरह आया करते थे । एक बार ग्रामीणों ने देखा और पूछा तो हमने सारी बातें बताईं। तब से आज भी ग्रामीण सप्ताह में एक बार बीड़ी माचिस की तीली चढ़ाते हैं। और आज भी वह आत्मा किसी को परेशान नहीं करती।